
एफडी कराने का सही अवसर, बैंकों द्वारा की जा रही है एफडी पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी - मनीष अग्रवाल
एफडी कराने का सही अवसर, बैंकों द्वारा की जा रही है एफडी पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी - मनीष अग्रवाल
आयकर सह जी एस टी सलाहकार मनीष अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस समय बैंकों में एफडी पर ब्याज दर बढ़ाई जा रही है कोई भी व्यक्ति बैंक में फिक्सड डिपॉजिट यानी एफडी करा सकता है इस समय बैंकों द्वारा फिक्सड डिपॉजिट पर ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की जा रही है तथा आने वाले समय में बैंक एफडी पर ब्याज दरों में और बढ़ोत्तरी करेंगे पिछले तीन साल से बैंक एफडी कराने पर लगभग 4 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहे थे, जो काफी कम था इस समय बैंक एफडी कराने पर लगभग 7 प्रतिशत ब्याज दे रहे हैं।
प्रत्येक बैंक में ब्याज दर अलग-अलग है तथा कितने समय के लिये एफडी कराई गई है इस बात पर निर्भर करती है ब्याज दर बढ़ने से एफडी में निवेश करने वाले निवेशकों को अधिक ब्याज मिल सकेगा पिछले कुछ समय से बैंकों द्वारा एफडी की ब्याज दरों में लगातार कमी की गई थी जिससे एफडी में निवेश करने वाले ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा था। यह सर्वविदित है कि लोगों का सबसे पसंदीदा निवेश भी एफडी ही होता है इसका सबसे बड़ा कारण है कि दूसरे निवेश की तुलना में यह सुरक्षित और सबसे कम जोखिम वाला होता है। एफडी में निश्चित समय के लिये निवेश करना होता है तथा एफडी में निवेश करने पर बैंक एक निश्चित ब्याज दर से निवेशक को ब्याज भी देता है।
स्कीम में निवेशक यदि चाहे तो ब्याज को अपने बचत खाते में भी प्राप्त कर सकता है तथा एफडी की मैच्योरिटी के समय भी ले सकता है एफडी की मेच्योरिटी अवधि होती है जिसमें निवेशक को निश्चित समय के लिये बैंक में धन रखना होता है । जरुरत पड़ने पर समय से पहले भी धन निकाल सकते है हालांकि समय से पहले एफडी तोड़ने पर निवेशक कोयाज का नुकसान होता है, और कुछ पेनल्टी भी देनी होती है जो हर बैंक में अलग-अलग है फिक्सड डिपॉजिट पर यदि निवेशक की आयु 60 वर्ष से कम है तो 40 हजार रुपये तक के ब्याज पर बैंक टीडीएस नहीं कटते है | और यदि चालीस हजार से अधिक ब्याज होने पर बैंक 10 प्रतिशत टीडीएस काटते है तथा ऐसे निवेशक जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है और वरिष्ठ नागरिक की हैसियत में 50 हजार के ब्याज तक पर बैंक टीडीएस नहीं काटते है पचास हजार रुपये से अधिक ब्याज होने पर बैंक 10 प्रतिशत की दर से टीसीएस काटते है बैंक में पैन नंबर न देने पर बैंक 20 प्रतिशत की दर से टीडीएस काटता है । यदि निवेशक की आय कम है तो वह बैंक मैं फॉर्म 15G तथा फॉर्म 15H जमा कर दे तो बैंक में टीडीएस नहीं काटा जाएगा।

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